सनबीम स्कूल के एनुअल फंक्शन में बच्चों ने किया, अपना- अपना कार्यक्रम प्रस्तुत…
Children presented their programs at the annual function of Sunbeam School.
सनबीम स्कूल देवरिया के छात्र छात्राओं ने सांस्कृतिक कार्यक्रमों से दर्शकों का मन मोहा।नृत्य और संगीत में अद्भुत समा बांधा। देवरिया-17 नवंबर। सनबीम स्कूल देवरिया के छात्र /छात्राओं द्वारा वर्तमान में संपूर्ण विश्व में मानवता के ऊपर मंडरा रहे घोर संकट से मानव धर्म व मानवीय मूल्यों की रक्षा तथा आने वाली पीढ़ियों के लिए बेहतर भविष्य का संदेश देने के लिए पौराणिक कथा जय संहिता (महाभारत) की वर्तमान परिदृश्य में सार्थकता को दर्शाते हुए उस पर आधारित सांस्कृतिक संध्या ‘जय संहिता- ‘बेहतर कल के लिए कालातीत सबक’ प्रस्तुत किया गया जिसके माध्यम से यह संदेश देने का प्रयास किया गया कि जब-जब मानवता पर संकट आए तो हमें अन्याय और अधर्म के विरुद्ध शस्त्र उठा लेना चाहिए और मानवता की रक्षा के लिए हिंसा भी करनी पड़े तो पीछे नहीं हटना चाहिए। यदि हम अन्याय होता देखकर भी चुप रहे तो हम सभी उस अन्याय के आघात से मारे जाएंगे और आने वाली पीढ़ियां हमें कभी क्षमा नहीं करेंगी। साथ ही यह भी बताने का प्रयास किया गया कि युद्ध ही हर समस्या का समाधान नहीं है। यथासंभव हमें युद्ध टालने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि युद्ध केवल विनाश की कहानी लिखता है।वर्तमान विश्व में युद्ध की जरूरत न होकर शांति और सौहार्द की जरूरत है। महाभारत काल में भी भगवान कृष्ण ने युद्ध टालने की हर संभव कोशिश की थी लेकिन परिस्थितियों ने उन्हें युद्ध के लिए विवश कर दिया और उसके बाद जो परिणाम हुआ वह दुनिया के सामने था। कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा दिया गया गीता का उपदेश वर्तमान काल में कितना सार्थक और अनुकरणीय है। यदि उनके उपदेशों का प्रत्येक व्यक्ति अपने जीवन में अक्षरशः पालन करें तो उसे कभी निराशा और पराजय का सामना नहीं करना पड़ेगा।
सुसज्जित परिसर में भव्य रूप से सजे मंच पर रंग-बिरंगी पोशाकों में सजे बच्चों ने अपनी कला से दर्शकों का न केवल मन मोहा बल्कि उपस्थित जन समूह को यह संदेश भी दिया कि ‘अहिंसा परमो धर्म: धर्म हिंसा तथैव च’ अर्थात अहिंसा परम धर्म है तो धर्म अर्थात मानवता की रक्षा के लिए की गई हिंसा उससे भी बड़ा धर्म है। जय संहिता का एक-एक संदेश वर्तमान परिदृश्य में और भी सार्थक और अनुकरणीय है।आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय शुक्ला (विभागाध्यक्ष आंग्ल भाषा विभाग दीनदयाल उपाध्याय विश्वविद्यालय गोरखपुर), विशिष्ट अतिथि श्रीमती अलका सिंह (नगर पालिका अध्यक्षा देवरिया), सम्माननीय अतिथि श्रीमती शालिनी श्रीवास्तव(जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी देवरिया), श्री आशुतोष शाह(जिला संगठन आयुक्त स्काउट एंड गाइड देवरिया), श्रीमती गीता जी गाइड आयुक्त स्काउट एंड गाइड देवरिया व प्रधानाचार्या महाराजा अग्रसेन डिग्री कॉलेज देवरिया), श्री नरसिंह कुमार सिंह (स्कॉउट आयुक्त देवरिया),डॉ अनुपमा मिश्रा (प्रधानाचार्य सनबीम स्कूल वरूणा वाराणसी), श्री गिरजेश त्रिपाठी (उप प्रधानाचार्य सनबीम स्कूल सनसिटी वाराणसी), श्री प्रशांत सिंह (निदेशक सनबीम स्कूल आजमगढ़), डॉ कुंवर अरुण सिंह ( निदेशक सनबीम स्कूल बलिया),श्री अवनीश मिश्र( निदेशक सनबीम स्कूल देवरिया), श्रीमती नीतू मिश्रा उपनिदेशिका सनबीम स्कूल देवरिया), श्री रजनीश मिश्र( सह-निदेशक सनबीम स्कूल देवरिया), डॉ आराधना मिश्रा(सह-निदेशिका सनबीम स्कूल देवरिया) तथा श्री अरविंद कुमार शुक्ला (प्रधानाचार्य सनबीम स्कूल देवरिया) ने संयुक्त रूप से तुलसी बेदी के सम्मुख दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
स्वागत भाषण एवं अतिथियों का सत्कार सनबीम स्कूल देवरिया की उपनिदेशिका नीतू मिश्रा ने किया।
जर्नी ऑफ़ सनबीम में स्कूल की मुख्य शाखा की स्थापना से लेकर वर्तमान तक की उपलब्धियां एवं डॉ मधोक के जीवन की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया।विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला एवं छात्र सार्थक सिंह वह छात्रा अवनी सिंह ने विद्यालय की शैक्षणिक व अन्य उपलब्धियां पर विस्तार से प्रकाश डाला।’यादों की बारात’ में सनबीम स्कूल देवरिया के संस्थापक निदेशक स्मृति शेष दिनेश मिश्रा जी के जीवन से जुड़े तथ्यों एवं शिक्षा के क्षेत्र में उनके योगदान से जुड़ी एक झांकी प्रस्तुत की गई।आज के संपूर्ण कार्यक्रमों का संचालन विद्यालय की वरिष्ट शिक्षिका मधुमिता तिवारी एवं अवनी अभिज्या,मन्नत, अदिति, अनुष्का रेड्डी, अनुष्का सिंह, खुशी, फरहीन, शिवी,यश्वी सिंह, यश्वी मिश्रा और भव्या ने संयुक्त रूप से किया।
जैसा कि हम जानते हैं कि भारतीय संस्कृति में किसी कार्य की निर्विघ्न समाप्ति के लिए कार्य के आरंभ में देव स्तुति का विधान है।इसी तथ्य को ध्यान में रखकर शिक्षिका अनामिका पांडेय व शिक्षक शैलेश बरनवाल द्वारा तैयार करवाई गई सरस्वती वंदना’वीणा पुस्तक धारिणि वाणी मंगल करिणि….’से कार्यक्रम का शुभारंभ किया गया जिससे पूरा माहौल भक्तिमय हो उठा। इस कार्यक्रम में माधवी, सिद्धि, प्राजंलि, हंसिका, दिव्या,प्रगति,श्वेता, आराध्य आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम ‘सुरों का संगम’ (स्कूल आर्केस्ट्रा) में भारतीय संगीत की विविध शैलियों का संगम एक साथ साज और आवाज के माध्यम से “डगर चलत छेड़त श्याम सखी रे”, “अयि गिरि नंदिनि..”,”सत्यम शिवम सुंदरम..”आदि गीत प्रस्तुत किए गए। इसमें सितार, गिटार,वायलिन, ड्रम, तबला, हारमोनियम, ढोलक, और वीणा आदि वाद्य यंत्रों की जुगलबंदी सराहनीय रही ।संगीत शिक्षिका श्रेया मिश्रा, निधि मिश्रा, नमिता और आदित्य राजभर के निर्देशन में इस कार्यक्रम में प्रज्ञा, खुशी, आयुष्मान,आर्यन,अथर्व, अनन्या,विजयलक्ष्मी,शिवम, अक्षत आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।
देव दीपावली के बाद नमामि गंगे ने वेदपाठी बटुकों के साथ की, गंगा तट की सफाई…
‘अतिथि देवो भव:’कार्यक्रम में माध्यम से नर्सरी और केजी वर्ग के बच्चों ने गीत “स्वैग से करेंगे सबका स्वागत …”पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत कर सभी अतिथियों का स्वागत किया स्वागत। शिक्षिका हेमलता, प्रीति और रेशु द्वारा तैयार कराए गए इस स्वागत नृत्य में शौर्य प्रताप, शायरा, शुभांग, दिव्यांशु, माधवी, शिवांश,आराध्या आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम’ द कृष्णा विदिन’में नर्सरी और केजी वर्ग के बच्चों द्वारा गीत “यशोदा का नंदलाला..”के माध्यम से भगवान कृष्ण की बाल छवि को प्रस्तुत करते हुए मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया गया जिस पर सभी दर्शक झूमने को विवश हुए। शिक्षिका अर्पिता और गुलनाज के कुशल निर्देशन में अक्षिता, प्रीशा, दक्षिता,हिरण्या अक्षरा, अर्थ,राहुल आदि बच्चों ने इसमें प्रतिभाग किया।कार्यक्रम ‘जयति सत्यम्’के माध्यम से प्रतिभागियों ने यह दिखाने का प्रयास किया कि असत्य चाहे कितना भी बलवान हो, जीत हमेशा सत्य की ही होती है। शिक्षिका जया, निधि, सरोज व हिमानी के निर्देशन में माहीराव, नव्या, युवान, शानवी,साकेत, अर्णव आदि बच्चों ने इसमें प्रतिभाग किया।
‘लक्ष्य भेदन ‘लघु नाटिका में गीत ‘‘हम दीप शिक्षा के जगमगाएंगे…”के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया कि व्यक्ति को हमेशा केवल और केवल अपना लक्ष्य दिखाई देना चाहिए तभी वह सफलतापूर्वक उसे प्राप्त कर सकता है। शिक्षिका प्रतिमा,रितांशु और अनीता द्वारा तैयार कराए गए इस कार्यक्रम में पृथ्वी, समीर,उत्कर्ष, प्रखर, शशार्विका, रिद्धि शांभवी, प्रियांशी, जीवा, वैष्णवी, जान्हवी आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।नृत्य ‘धर्माधर्म रथी’के माध्यम से पांडवों को धर्म का अनुयाई तथा कौरवों को अधर्म का अनुयाई दिखाते हुए गीत “आरंभ है प्रचंड ..”पर मनोहारी नृत्य प्रस्तुत किया गया। शिक्षिका शिखा, आकृति व अदिति द्वारा तैयार कराए गए इस नृत्य में आराध्या, हिमांशु, सिद्धि,अद्या, आरव,नकुष आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।कार्यक्रम ‘गीतामृतम्’ में गीत के माध्यम से कुरुक्षेत्र में भगवान कृष्ण द्वारा अर्जुन को दिए गए उपदेशों की वर्तमान परिदृश्य में सार्थकता को बताने का प्रयास किया गया। शिक्षिका निकिता गुप्ता व विंध्या गुप्ता द्वारा तैयार कराए गए इस कार्यक्रम में बिलाल, तविश,एहेतेशाम, अभिनव, मनस्वी, सौम्या, श्री, श्रेया, संस्कृति आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया। ‘नारी शक्ति: पराशक्ति:’नाटिका में गीत और नृत्य के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया कि आज की नारी अब अबला नहीं रही बल्कि वह अपने साथ किए जा रहे हर अन्याय का डटकर मुकाबला कर सकती है और किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं है। शिक्षिका अनुराधा और कोमल द्वारा तैयार कराए गए इस कार्यक्रम में आदर्श, आदित्य, अक्षत, युवराज, अनुष्का, श्रेया, शनि, सौरभ, सुधांशु आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।
मोबाइल पास में होने पर शक के दायरे में आया, युवक…
‘यतो धर्म: ततो जय:’कार्यक्रम में धर्म की रक्षा के लिए भगवान विष्णु द्वारा लिए गए सभी अवतारों की झांकी प्रस्तुत की गई और यह बताने का प्रयास किया गया कि जो धर्म के पक्ष में लड़ता है विजय उसी की होती है, अधर्म का पक्ष लेने वाला कभी भी विजय श्री को प्राप्त नहीं कर सकता। शिक्षिका ज्योति,नमिता, शिक्षक अभिषेक और अजय द्वारा तैयार कराए गए इस पिरामिड नृत्य में अभिषेक, आयुष, ऋषभ, अमिय, विराट, आदर्श, अभिषेक आदि प्रतिभागी रहे।लघु नाटिका ‘सेटर्ड लाइफ्स’(बिखरी जिंदगियां) के माध्यम से यह दिखाने का प्रयास किया गया की युद्ध ही हर समस्या का समाधान नहीं है। जहां तक संभव हो युद्ध टालने का प्रयास करना चाहिए क्योंकि युद्ध केवल विनाश की कहानी लिखता है। युद्ध में जो जनधन की अपार हानि होती है,वह तो होती ही है, युद्ध के बाद बचे हुए लोगों की जिंदगी भी आसान नहीं होती है क्योंकि उस युद्ध में वे लोग अपनों को खो देते हैं जो उन्हें जीवन भर दुख देता रहता है। शिक्षिका ममता व शिक्षक आदित्य द्वारा तैयार कराए गए इस कार्यक्रम में शांभवी, धृति, अनिकेत, वैष्णवी, आराध्या,श्रुति,अनंत, कुणाल आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।
आत्मरक्षण कौशल में ताइक्वांडो शिक्षक श्याम चौधरी द्वारा प्रशिक्षित विद्यार्थियों द्वारा बिना शस्त्र आत्मरक्षा के विभिन्न करतब दिखाए गए,जिसे देखकर दर्शकों ने दांतों तले उंगली दबा ली इसमें छात्रों ने ईंट ब्रेकिंग, जिमनास्टिक, सेल्फ डिफेंस, राड फाइट, एप्पल ब्रेकिंग, टाइगेक और नान चाकू का बेहतरीन प्रदर्शन किया। इसमें सृष्टि, सात्विक, रमारमन, शिवम, रत्नेश्वर,हृयान हेमंग,मायरा, प्रिया, तान्या,सार्थक, अथर्व,धनकुबेर आदि बच्चों ने प्रतिभाग किया।जय संहिता-बेहतर कल के लिए कालातीत सबक-लघु नाटिका के माध्यम से महाभारत में पिरोए गए जीवन के लिए अनमोल संदेशों को बताने का प्रयास किया गया। शिक्षिका रेनुबाला और शिक्षक आदित्य पांडेय द्वारा तैयार कराए गए इस इस लघु नाटिका में सार्थक, स्वास्ति,नवरात्रि, सौम्या, पलक, सुमित्रा, निखिल,नमित,दिव्यांश आदि बच्चों ने प्रतिभाग कर अपनी कला का प्रदर्शन किया।
चेकिंग के दौरान बदमाशों ने की, फायरिंग…
स्ट्रीट प्ले के माध्यम से अंशिका, विद्या, अद्विका, अलंकृत सौम्या और दर्शी ने उपर्युक्त सभी कार्यक्रमों में निहित संदेशों व मानव जीवन में उनके महत्व पर प्रकाश डाला।नृत्य शिक्षक विक्की जायसवाल के निर्देशन में अनेकता में एकता को दर्शाता हुआ नृत्य फ्यूजन में सभी कार्यक्रमों के प्रतिभागियों द्वारा समूह नृत्य प्रस्तुत कर विविधता में एकता का संदेश दिया गया। इससे एक भारत अखंड भारत की परिकल्पना चरितार्थ हुई।तत्पश्चात आज के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि प्रोफेसर अजय कुमार शुक्ला द्वारा कार्यक्रम को संबोधित करते हुए समस्त कार्यक्रमों की भूरि-भूरि प्रशंसा की गई व विद्यालय के सत् प्रयासों की सराहना करते हुए बच्चों के उज्ज्वल भविष्य की कामना की गई।कार्यक्रम के अंत में विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविंद शुक्ला ने अपना अमूल्य समय निकालकर कार्यक्रम में पधारे समस्त अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उनकी गरिमामयी उपस्थिति से विद्यालय परिवार अपने को गौरवान्वित महसूस कर रहा है।
विद्यालय गान व राष्ट्रगान के साथ ही कार्यक्रम संपन्न हुआ।
नृत्य और संगीत से संबंधित सभी सांस्कृतिक कार्यक्रमों की कोरियोग्राफी विद्यालय के नृत्य शिक्षक विक्की जायसवाल ने किया।
इन समस्त कार्यक्रमों के सफल संचालन में योगदान देने वालों में एक्टिविटी इंचार्ज शैव्या सिंह, कोऑर्डिनेटर रिंकी सिंह, त्रिपुरेश पांडेय, मीडिया प्रभारी संतोष पांडेय, नमिता अल्फ्रेड, दीपांकर आनंद, आलिया, क्षमा,सोनू पांडेय, विपुल मिश्रा, धनंजय मिश्रा विशाल चौरसिया, बिंधेश्वर त्रिपाठी, साजिया, अंबिकेश,अर्चना त्रिपाठी, पवनदीप,तारीक, विपिन, हरिओम, प्रद्युम्न आदि तथा मंच एवं परिसर की साज- सज्जा में आर्ट एंड क्राफ्ट शिक्षिका प्रिया गुप्ता, अर्चना मिश्रा तथा कक्षा ग्यारहवीं के विद्यार्थी ओर्जिता और रिशांत का प्रशंसनीय योगदान रहा।
सधन्यवाद
सनबीम स्कूल,
देवरिया।
दिनांक 17 नवंबर 2024