सड़कों को खा रही कमीशनखोरी, सड़कों की गुणवत्ता पर उठ रहें सवाल…
Commissioning is eating away at the roads, questions are being raised on the quality of roads...
परासिया में लगातार समाचार के माध्यम से निर्माण सड़कों की गुणवत्ता पर सवाल उठाए जा रहे है।लेकिन प्रशासन की कुंभकर्ण नींद टूटने का नाम नहीं ले रही है। या यूं कहें कि अधिकारी और ठेकेदारों की साठ गांठ के आगे निर्माण कार्यों की गुणवत्ता को कोई महत्व नहीं दिया जा रहा है।
नगर के निवासी अपने वार्डों के निर्माण कार्यों में की जा रही अनियमितताओं की लगातार शिकायत भी कर रहे है।परंतु ठेकेदारों पर अधिकारियों का आशीर्वाद होने के कारण कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, और निरंतर निर्माण कार्यों में अनियमितताए बर्ती जा रही है, क्योंकी ये सारे कार्यों पर इंजिनियर, सीएमओ और नगरपरिषद अध्यक्ष को कमीशन मिलता है।
पार्षद ने सीमेंट को लेकर आपत्ति दर्ज कराई
हम बात कर रहे हैं नगरपरिषद बड़कुही के निर्माण कार्यों की जहां इंजिनियर सीएमओ और नगरपरिषद अध्यक्ष के साथ ठेकेदार की मिलीभगत से निर्माण कार्यों में मनमानी की जा रही है। वार्ड नं 6 की पार्षद विमला इवनाती ने कई बार निर्माण कार्य में उपयोग की जाने वाली रेत और सीमेंट को लेकर आपत्ति दर्ज कराई है।
जिसको लेकर उन्होंने सीएमओ और नगरपरिषद अध्यक्ष को लिखित और मौखिक शिकायत की मगर अधिकारी और ठेकेदार की मिलीभगत होने के कारण शिकायत ठंडे बस्ते में डाल दी गई वार्ड नं 6 में 270 मी. कायाकल्प 2 के अंतर्गत सड़क बनाई जा रही है।जिसमें प्रोजेक्ट नियम के आधार पर कांक्रीट करने से पहले पुरानी सड़क पर पड़ी मिट्टी को हवा या पानी द्वारा साफ किया जाता है। मगर यहां ऐसा कोई कार्य नहीं किया जा रहा है और ना ही बाइब्रेटर का इस्तेमाल किया जा रहा है साथ ही रेत और सीमेंट घटिया किस्म की इस्तेमाल की जा रही है ऐसी स्थिति में निर्माण सड़क की गुणवत्ता पर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है।
क्या अधिकारियों अध्यक्ष और ठेकेदारों की ऐसी मनमानी पर कोई रोक नहीं लगेगी जिस तरह से नगरपरिषद में बाकी निर्माण कार्यों पर मनमानी कर निर्माण कार्य पूर्ण करा लिए गए हैं क्या यहां भी यही होगा।