शाहजहांपुर

प्राचीन कंकाली मंदिर पर देवी मां प्रतिमा की हुई प्राण प्रतिष्ठा संपन्न

Consecration of Goddess Maa statue at ancient Kankali temple completed

शाहजहांपुर में बंडा क्षेत्र के गांव ररूआ मे प्राचीन कंकाली मंदिर पर देवी मां प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा के लिए क्षेत्र में विशाल झांकी व भंडारे का आयोजन किया गया।

प्राण प्रतिष्ठा में पंडित शिवलाल आचार्य ने बताया  की मंदिरों में जब मूर्तियां लाई जाती हैं, तो वह केवल पत्थर की होती हैं लेकिन प्राण प्रतिष्ठा कर उन्हें जीवंत बनाया जाता है‌। जिससे वह केवल मूर्तियां ना रहे बल्कि उनमें भगवान का वास हो प्राण प्रतिष्ठा के बिना कोई भी मूर्ति मंदिर में स्थापित नहीं होती है।प्राण प्रतिष्ठा के लिए देवी या देवता की अलौकिक शक्तियों का आवाह्नकिया जाता है ,जिससे कि वह मूर्ति में आकर प्रतिष्ठित यानी विराजमान हो जाए और इसके बाद वह मूर्ति जीवंत भगवान के रूप में मंदिर में स्थापित होती है ।प्राण प्रतिष्ठा के कारण ही कहा जाता है कि एक पत्थर भी ईश्वर का रूप धारण कर सकता है ।

शास्त्रों के अनुसार प्राण प्रतिष्ठा किए जाने के बाद खुद भगवान उस प्रतिमा में उपस्थित हो जाते हैं, लेखा अनुसार तिथि ब,शुभ मुहूर्त का होना अनिवार्य होता है बिना मुहूर्त के प्राण प्रतिष्ठा करने से शुभ फल नहीं मिलता। प्राचीन कंकाली मंदिर के पुजारी श्री कप्तान लल्ला ने बताया कि सनातन धर्म में प्राण प्रतिष्ठा का बहुत महत्व है मूर्ति स्थापना के समय प्राण प्रतिष्ठा जरूर किया जाता है। किसी भी मूर्ति की स्थापना के समय प्रतिमा रूप को जीवित करने की विधि को प्राण प्रतिष्ठा कहा जाता है।उन्होंने बताया कि समस्त ग्रामवासी एवं क्षेत्र वासियों के सहयोग से प्राचीन कंकाली मंदिर की मरम्मत देवी मां की मूर्ति की स्थापना एवं विशाल भंडारे का आयोजन किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button