उत्तर प्रदेश

रेलवे लाइन पर मिला अज्ञात व्यक्ति का शव,  टूटी बाउंड्रीवॉल न बनने से स्थानीय निवासियों में आक्रोश किया प्रदर्शन..

Dead body of an unknown person found on the railway line, local residents protested due to non-construction of the broken boundary wall.

रेलवे लाइन पर मिला शव

मुज़फ्फरनगर : खतौली थाना क्षेत्र के अंतर्गत आज सुबह करीब 2:30 बजे आवास विकास कॉलोनी के पीछे रेलवे लाइन के पिलर संख्या 99/14 पर एक अज्ञात व्यक्ति का शव ट्रेन से कटा हुआ पाया गया। इस हादसे की सूचना मिलते ही जीआरपी चौकी पुलिस घटनास्थल पर पहुंची. और शव का पंचनामा भरने के बाद स्थानीय एम्बुलेंस की मदद से पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया।

मृतक की नहीं हो पाई पहचान

अभी तक मृतक की पहचान नहीं हो पाई है, और पुलिस मामले की जांच कर रही है। स्थानीय निवासियों का आरोप है कि इस प्रकार की घटनाएं आए दिन बाउंड्रीवॉल की क्षति के कारण हो रही हैं। आवास विकास परिषद और रेलवे अधिकारियों द्वारा पूर्व में उप जिलाधिकारी को लिखित में यह आश्वासन दिया गया था कि टूटी हुई बाउंड्रीवॉल का निर्माण जल्द कराया जाएगा। लेकिन आज तक इस पर कोई ठोस कार्यवाही नहीं की गई है। टूटी बाउंड्री के कारण दुर्घटनाएं बढ़ रही हैं और ट्रेन के नीचे से पत्थर निकलकर आसपास के घरों में गिरने लगे हैं, जिससे मकान भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। साथ ही, इन पत्थरों के गिरने से कोई अप्रिय घटना होने की आशंका भी बनी रहती है।

निवासियों ने प्रशासन से की अपील

घटनास्थल पर मौजूद निवासियों में सुदीश पुंडीर, नकुल दत्त शर्मा,सचिन गुप्ता, बृजपाल राणा, सुमित गुप्ता, ठाकुर शैलेंद्र सिंह, ओमकार, सतीश, मनोज शर्मा,  राकेश गुप्ता, उत्तम गुप्ता, राजेंद्र ओम सिंह, ठाकुर सुखबीर सिंह देशराज,जगमाल सिंह , सुनील प्रधान, राहुल,ईश्वर नेपाल फौजी, छोटू,विनोद प्रदीप मुन्नी,डी डी आर्य, दीनदयाल शर्मा शामिल थे। उन्होंने प्रशासन से अपील की है कि क्षेत्र में सुरक्षा व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए तुरंत टूटी बाउंड्रीवॉल और रिटेनिंग वॉल का निर्माण कराया जाए ताकि भविष्य में इस प्रकार की दुर्घटनाओं को रोका जा सके।

पत्र लिखने के बाद नही हुई कार्यवाही

निवासियों का कहना है कि उन्होंने बाउंड्रीवॉल के निर्माण के लिए कई बार संबंधित अधिकारियों को पत्र भी लिखे हैं। पिछले पत्रांक के अनुसार, खंड कार्यालय द्वारा कई अनुरोध किए गए हैं, जिनमें दिसंबर 2022, फरवरी 2023, जून 2023, और मई 2024 के पत्र भी शामिल हैं। बावजूद इसके, अब तक कोई कार्यवाही नहीं की गई है, जिससे क्षेत्रीय जनता में आक्रोश व्याप्त है।

 

मुजफ्फरनगर : फरीद अहमद

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