मनोरंजन

हिंदी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाते हुए सबका ध्यान खीच रही ये फिल्म, पुष्पा 2-बेबी जॉन को पीछे छोड़ बनाया भौकाल

This film is creating a stir at the Hindi box office and is attracting everyone's attention, leaving Pushpa 2-Baby John behind and creating havoc.

मलयालम सिनेमा की फिल्म ‘मार्को’ ने हिंदी बॉक्स ऑफिस पर तहलका मचाते हुए सबका ध्यान खींच रहा है। इसे भारत की “सबसे हिंसक फिल्म” का टैग दिया जा रहा है, जो इसकी क्रूरता और रोमांचक कहानी का अंदाजा देती है। खास बात यह है कि ‘मार्को’ ने न केवल साउथ सिनेमा की बहुप्रतीक्षित फिल्म ‘पुष्पा 2’ की लोकप्रियता को चुनौती दी है, बल्कि बॉलीवुड की क्रिसमस रिलीज ‘बेबी जॉन’ को भी पीछे छोड़ दिया है। ‘पुष्पा 2‘ जहां एक बड़े पैमाने पर दर्शकों  का ध्यान खींच रही थी, वहीं वरुण धवन की ‘बेबी जॉन‘ अपेक्षित सफलता हासिल करने में नाकामयाब रही। ऐसे में ‘मार्को’ ने अपने दमदार कंटेंट और उत्कृष्ट निर्देशन से थिएटर्स में अलग ही माहौल बना दिया है। यह फिल्म मलयालम इंडस्ट्री की है, जिसे अक्सर छोटी इंडस्ट्री माना जाता है, लेकिन इसके प्रभावशाली प्रदर्शन ने इसे बड़े सिनेमा के मुकाबले खड़ा कर दिया है। फिल्म की कहानी, एक्शन सीक्वेंसेस और डार्क टोन ने इसे दर्शकों के बीच खासा लोकप्रिय बना दिया है। ‘मार्को’ को शुरुआत में साउथ की अन्य फिल्मों के मुकाबले कमतर आंका गया था, लेकिन धीरे-धीरे इसने अपनी जगह बना ली। इसके 10 दिनों के प्रदर्शन के बाद साफ है कि हिंदी दर्शक अब कंटेंट आधारित सिनेमा को अधिक प्राथमिकता दे रहे हैं, चाहे वह किसी भी भाषा से आया हो।

थिएटर मालिकों का कहना है कि ‘मार्को’ की अप्रत्याशित सफलता ने मलयालम इंडस्ट्री को हिंदी बाजार में एक नई पहचान दिलाई है। कुल मिलाकर, यह फिल्म न केवल अपनी हिंसा और कहानी के कारण चर्चा में है, बल्कि यह दर्शकों के बदलते सिनेमा टेस्ट को भी दर्शाती है।मलयालम सुपरस्टार उन्नी मुकुंदन की फिल्म ‘मार्को’ इन दिनों इंडियन सिनेमा की सबसे हिंसक फिल्म के रूप में चर्चा में है। 20 दिसंबर को रिलीज हुई इस फिल्म ने हिंदी बेल्ट में अपने प्रदर्शन से हर किसी का ध्यान खींचा है। खूबसूरत प्राकृतिक दृश्यों, इंसानी रिश्तों की गहराई और मलयालम सिनेमा की इंटेलिजेंट अप्रोच के साथ, ‘मार्को’ को न केवल ‘पुष्पा 2’ के बॉक्स ऑफिस तूफान के बीच रिलीज होने का साहस दिखाना पड़ा, बल्कि बॉलीवुड की क्रिसमस रिलीज ‘बेबी जॉन’ से भी मुकाबला करना पड़ा। 89 स्क्रीन्स पर सीमित रिलीज के बावजूद, इस फिल्म ने अपनी खास जगह बनाई है। शुरुआत में केवल 1 लाख रुपये का हिंदी कलेक्शन दर्ज करने के बावजूद, ‘मार्को’ का वर्ड ऑफ माउथ इतना प्रभावशाली साबित हुआ कि दर्शक इसके शोज बढ़ाने की मांग कर रहे हैं। खासतौर पर, इसकी हिंसा ने दर्शकों को झकझोर कर रख दिया है।  एक रिपोर्ट के अनुसार, फिल्म के एक दर्शक ने अनुभव साझा करते हुए कहा कि बगल में बैठी महिला इतनी हिंसा देखकर विचलित हो गई कि वह उल्टी करने लगी। डायरेक्टर हनीफ अदेनी ने इस फिल्म में खून-खराबे और मार-काट के ऐसे लेवल दिखाए हैं, जो अब तक किसी अन्य फिल्म में नहीं देखे गए। सोशल मीडिया पर फिल्म के इमोशनल और हिंसक कंटेंट को लेकर बहस छिड़ी हुई है। फिल्म ने मलयालम और हिंदी दोनों ही भाषाओं में दर्शकों को प्रभावित किया है और इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ रही है। हिंदी बाजार में इसे शानदार रिस्पॉन्स मिल रहा है, और थिएटर्स में ‘मार्को’ का भौकाल स्पष्ट नजर आ रहा है।

अल्लू अर्जुन की केरल में जबरदस्त फैन फॉलोइंग है, जहां उन्हें प्यार से “चेट्टा” (बड़ा भाई) और “मल्लू अर्जुन” कहा जाता है, क्योंकि उनकी फिल्में वहां मलयालम सिनेमा के स्टार्स जितनी लोकप्रिय हैं। हालांकि, मलयाली ऑडियंस, जो अपनी उच्च गुणवत्ता वाली फिल्मों के लिए जानी जाती है, को प्रभावित करना बाहरी फिल्मों के लिए हमेशा चुनौतीपूर्ण रहा है। उनकी ब्लॉकबस्टर ‘पुष्पा 2’ भी इस परीक्षा में पूरी तरह खरी नहीं उतरी और केरल में 26 दिनों में केवल 18 करोड़ रुपये का ग्रॉस कलेक्शन कर पाई। इसके विपरीत, उसी समय रिलीज हुई मलयालम फिल्म ‘मार्को’, जो 30 करोड़ के बजट में बनी थी, केरल में 25 करोड़ रुपये से अधिक का कलेक्शन कर चुकी है और पूरे भारत में 43 करोड़ से ज्यादा की कमाई कर चुकी है। ‘मार्को’ को अब तेलुगु और तमिल भाषाओं में भी रिलीज किया जाना है। इसके अलावा, अपनी हिंसक थीम के कारण, ‘मार्को’ ने पिछले साल की रणबीर कपूर स्टारर ‘एनिमल’ और इस साल की लक्ष्य स्टारर ‘किल’ जैसी फिल्मों को पीछे छोड़ते हुए सबसे हिंसक फिल्म का टैग अपने नाम किया है। अब देखना होगा कि ‘मार्को’ आने वाले समय में और क्या धमाल मचाती है और मलयाली सिनेमा के बेहतरीन कंटेंट के सामने यह प्रतिस्पर्धा किस तरह आकार लेती है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button