फर्रुखाबाद नगर के मोहन पैलेस में वीर बाल दिवस पर भव्य कार्यक्रम का हुआ आयोजन
A grand program was organized on Veer Bal Diwas at Mohan Palace in Farrukhabad city.
वीर बाल दिवस पर भव्य कार्यक्रम
फर्रुखाबाद: आज वीर बाल दिवस के उपलक्ष्य में फर्रुखाबाद नगर के मोहन पैलेस में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। यह दिवस प्रतिवर्ष सिखों के धर्मगुरु गुरु गोविंद सिंह जी के साहसी पुत्रों की शहादत को स्मरण करते हुए मनाया जाता है। युवा सरदारों वीरता का परिचय देते हुए विदेशी और मुगल आक्रांताओं के अत्याचार का सामना करते हुए भारत के इस्लामीकरण को रोकने के लिए अपना सर्वोच्च बलिदान दिया।
कार्यक्रम का शुभारंभ गुरुद्वारा सिंघ सभा फर्रुखाबाद के प्रधान सरदार हरजिंदर सिंह जी के प्रेरणादायक उद्बोधन से हुआ। उन्होंने कहा कि सिखों ने हिंदुओं की रक्षा के लिए अपने प्राणों की आहुति दी और तमाम प्रताड़नाओं के बावजूद धर्म परिवर्तन स्वीकार नहीं किया। गुरुद्वारा साहिब के ज्ञानी मंगल सिंह जी ने छोटे साहिबजादों की अमर बलिदान कथा सुनाई। उन्होंने बताया कि किस प्रकार मुगल शासन के दौरान उन्हें प्रताड़ित किया गया और अंततः उन्हें जिंदा दीवार में चुनवा दिया गया। इसे सुन सभागार में बैठे सभी जन भावुक हो उठे।
कार्यक्रम में विपिन चंद्रपाल अग्निहोत्री ने कहा कि सिख धर्म हमें अपने धर्म और संस्कृति की रक्षा के लिए बलिदान की प्रेरणा देता है। उन्होंने कहा हिंदुओं की स्मृति क्षीण हो चुकी है और यदि यह प्रवृत्ति जारी रही तो इतिहास की पुनरावृत्ति हो सकती है। सह विभाग प्रचारक अमित ने युवाओं को वीर बालकों के अद्वितीय बलिदान से प्रेरणा लेने का संदेश दिया।ज्ञकार्यक्रम का समापन सरदार तोषित प्रीत सिंह जी ने गुरु गोविंद सिंह जी की बानी, “इन पुत्रन के सीस पर वार दिए सुत चार, चार मुए तो क्या भया, जीवित कई हजार” से किया। इसके बाद राष्ट्रीय गीत ‘वंदे मातरम’ ने पूरे सभागार को देशभक्ति के जज़्बे से भर दिया।
भारत माता की जय के नारों के साथ कार्यक्रम को विराम दिया गया। कार्यक्रम का संचालन सुरेन्द्र पांडे ने किया। इस मौके पर डॉ० महेंद्र कुमार नामदेव, राजकिशोर श्रीवास्तव, विजय अवस्थी, अतुल दीक्षित, दुर्गा वाहिनी की प्रांत संयोजिका अवनी अतुल राजपूत, सिमरन सिंधी, जयकुमार डावानी, कैलाश मिश्रा, दिलीप भारद्वाज, धीरेन्द्र वर्मा समेत कई गणमान्य लोग उपस्थित रहे। यह कार्यक्रम गुरु गोविंद सिंह जी के छोटे साहिबजादों की वीरता और उनके बलिदान को स्मरण करने का महत्वपूर्ण अवसर बना। जिसने सभी उपस्थित जनों को प्रेरणा और आत्मबल का संदेश दिया।