लोकसभा चुनाव में सियायत गर्म हैं।और सारी पार्टियां अपने-अपने पहले को जिताने की कोशिश में लगी हैं। बहराइच लोकसभा सीट पर अभी बसपा ने प्रत्याशी नहीं उतारा है। वहीं पार्टी किसी मुस्लिम चेहरे पर दांव लगाने की तैयारी में है। सपा व भाजपा ने अभी तक मोर्चेबंदी कर दी है।

भाजपा ने लगातार तीसरी बार प्रत्याशी बदलकर नए चेहरे पर दांव लगाया है। सपा ने भी इसी फार्मूले को आजमाया है। बसपा अभी तक प्रत्याशी ही घोषित नहीं कर सकी है। फिलहाल लगातार दो चुनाव में धमाकेदार जीत हासिल करने वाली भाजपा हैट्रिक की तैयारी में है, लेकिन गठबंधन की ओर से सपा की मोर्चेबंदी पहले से कहीं ज्यादा बेहतर है। ऐसे में चुनावी समर में रोमांचक संग्राम नजर आएगा। हार-जीत काफी हद तक बसपा के रुख पर भी निर्भर करेगा।

भाजपा ने सांसद अक्षयवरलाल गोंड के बेटे पर भरोसा जताते हुए डॉ. आनंद गोंड को प्रत्याशी बनाया है। इससे पूर्व भी भाजपा ने पिछले दो लोकसभा चुनावों में नए चेहरे पर दांव खेला था, हालांकि 2014 में जीतने वाली सवित्रिबाई फुले से पार्टी ने किनारा कर लिया था। इस कारण वह कांग्रेस में शामिल हो गई थीं। ऐसे में भाजपा ने 2019 में अक्षयवरलाल गोंड को प्रत्याशी बनाया था। उन्होंने भी पार्टी नेतृत्व के निर्णय को सही साबित करते हुए 1.28 लाख से अधिक मतों के अंतर से धमाकेदार जीत हासिल की थी। अब भाजपा ने 2024 के चुनाव में निवर्तमान सांसद के बेटे को आगे बढ़ाया है।

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आपको बता दें,कि मुस्लिम बहुल सीट पर सपा दो दशक से अपनी खोई जमीन तलाशने में जुटी हुई है। वर्ष 2004 में पहली बार सपा के कद्दावर नेता डॉ. वकार अहमद शाह की पत्नी रुआब सईदा ने चुनाव जीता था। इसके बाद सपा दो दशक से चुनाव में हांफती नजर आ रही है। हालांकि सपा ने भी इस बार नए चेहरे पर दांव लगाते हुए पूर्व विधायक रमेश गौतम को प्रत्याशी बनाया है। वहीं, बसपा के रणनीतिकार मान रहे हैं कि पार्टी किसी मुस्लिम चेहरे को आगे बढ़ा सकती है। ऐसा हुआ तो चुनाव का रोमांच देखते ही बनेगा।

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