Yogi Adityanath : उत्तर प्रदेश के रायबरेली मे सरकार की अहम् पहल और आस्था को मद्देनज़र रखते हुए सूबे के मुखिया योगी आदित्यनाथ द्वारा विशेष तौर पर आवारा पशुओ से किसानो को राहत दिलाने और जानवरो को क़त्लखाने मे जाने से बचाने के लिए प्रदेश भर मे गौ आश्रय केंद्र बनाये गए….. आपको बता दें कि रायबरेली मे भी 85गौ आश्रय केंद्र अस्थाई और स्थाई है.. लेकिन फिर भी लगातार बेजुबान पशुओ की मौत हो रही है….लेकिन ना जिला प्रशासन कोई खबर ले रहा है न सम्बंधित विभाग ऐसे मे आखिर इन मौतों का जिम्मेदार कौन होगा…

Yogi Adityanath : रायबरेली जनपद मे, 85गो आश्रय केंद्र है लेकिन इन गौ आश्रय केन्द्रो मे ब्लॉक स्तर पर पशु चिकित्सा अधिकारी और पशु धन प्रसार अधिकारीयों की नियुक्ति सिर्फ कागजो पर होती है….  महीनो इन बेजुबानो का इलाज संभव नहीं होता, और सभी गौ आश्रय केन्द्रो मे लगतार मौते हो रही है, सूबे के  मुखिया योगी आदित्यनाथ का सबसे महत्वपूर्ण और आस्था का केंद्र है… लेकिन फिर भी इन पशुओ की मौतों से सबंधित विभाग और जिला प्रशासन आखिर क्यों बेखबर है, ये एक बड़ा सवाल खड़ा करता है…. एक तरफ जहाँ डॉक्टर्स एयर कंडीसन्स मे बैठकर राजनीतिक चर्चा मे मस्त रहते हैँ….  तो वहीँ ऐसे मे गौ आश्रय केन्द्रो का इस भीशण गर्मी में कोई ऑफिसर दौरा करता होगा… जिसका जवाब शायद नही है…

Yogi Adityanath : वहीँ अस्पताल में इलाज के दौरान अगर आदमी की मौत होती है तो हंगामा खड़ा हो जाता है। लेकिन इलाज के अभाव में अगर पशु मरते हैं तो इसे गंभीरता से नहीं लिया जाता उन्हें वैसे ही छोड़ दिया जता है… जिससे रायबरेली के पशु चिकित्सकों की संवेदन हीनता जग जाहिर है। किसी आदमी की तबीयत बिगड़ती है तो एंबुलेंस या निजी साधन से लोग अस्पताल पहुंचते है लेकिन सवाल खड़ा होता है कि गांवों में अगर पशुओं की तबीयत बिगड़ती है तो क्या किया जा सकता है। क्योंकि पशु डाक्टर गांव में जाने को तैयार नहीं और ऐसा कोई साधन नहीं की पशुओं को लेकर अस्पताल तक लाया जा सके। हाल ही में ऊंचाहार कोतवाली के लखनऊ प्रयागराज राजमार्ग के किनारे मृत और जिंदा गौवंश से लदा एक डीसीएम बरामद किया गया जब लोग  डीसीएम की तरफ गए तो डीसीएम के नीचे खून फैला हुआ था। उसमें से बदबू आ रही थी।लोगों  को संदेह हुआ जिसके बाद मामले की सूचना पुलिस को दी गयी । डीसीएम में 25 मृत और दो जिंदा गौवंश भी लदे हुए थे। मृत मवेशियों से भरा डीसीएम बरामद होने की सूचना फैलते ही आसपास के गांव में सनसनी फैल गई। मौके पर बड़ी संख्या में ग्रामीण एकत्र हो गए।पुलिस ने डीसीएम को कब्जे में लिया है।ये भी पढ़ें…Aaj Ka Rashifal : विष्नु भगवान की कृपा रहेगी,सभी राशियों पर…

Yogi Adityanath : ऐसा समझा जाता है कि मवेशियों को ठूंसकर डीसीएम से ले जाया जा रहा था। अधिक संख्या में मवेशी लदे होने के कारण आपस में रगड़कर मवेशी मर गए। तभी रास्ते में किसी को देखने और पकड़े जाने के भय से वो लोग राजमार्ग के किनारे डीसीएम को छोड़कर भाग गए। वहीँ कोतवाल अनिल कुमार सिंह का कहना है कि डीसीएम को कब्जे में लेकर पशु चिकित्सा विभाग के चिकित्सकों द्वारा पोस्टमार्टम की कार्रवाई कराई जा रही है ।मौके पर कोई भी व्यक्ति मिला नहीं है.अब यहां तमाम सवाल खड़े होते है,,अब यहां तमाम तरह के सवाल खड़े होते हैं प्रशासन पर पंचायत सेकेट्री पर प्रधान पर और सभी लोगों पर जो गौशाला के रख रखाव के लिए ज़िम्मेदार है…..

  • 184 गौ वंश है, लेकिन मरने वालों की संख्या रजिस्टर पर अंकित नही…
  • चारा , भूसा खाने की कोई व्यस्था आखिर क्यों नही की जाती ?
  • बंदरबांट लगातार , डॉक्टर्स नही है इलाज के लिए या जानबूझ कर आते नहीं ?
  • आवारा पशुओं के आतंक से किसान अपने खेतों और फसलों को लेकर परेशान है

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