Teachers Protest : शिक्षकों ने पूरे प्रदेश में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध किया हैं…प्राथमिक स्कूलों में सरकार द्वारा शुरू की गई डिजिटल अटेंडेंस का टीचरों ने तीखा विरोध किया… जंहा लाखों अध्यापकों के बीच में महज कुछ हजार ने ही हाजिरी लगाई है…. बता दें,कि प्रदेश के परिषदीय विद्यालयों में शिक्षकों-कर्मचारियों की सोमवार यानी 8 जुलाई से शुरू हुई डिजिटल अटेंडेंस की व्यवस्था का पूरे प्रदेश में व्यापक विरोध हुआ… एक तरफ जहां शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर बच्चों को पढ़ाया हैं.. वहीं कई जिलों में विरोध-प्रदर्शन कर जिला मुख्यालय पर जाकर मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन भी दिया जा रहा हैं…जंहा यूपी के प्राथमिक विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस का विरोध दूसरे दिन भी कम नहीं हुआ.. वहीं कई राजनीतिक दलों के नेता इस मुद्दे पर शिक्षकों के साथ आ गए हैं….आइये सुनते हैं इसके पीछे की कहानी….https://www.youtube.com/watch?v=uhVVgRBquh0

Teachers Protest : शिक्षकों की प्रमुख मांग
1- अन्य विभागों की भांति ”हाफ डे लीव” दी जाए…
2- राज्य कर्मचारियों की भांति 30 ईएल या पीएल दी जाए..
3- अन्य विभागों की भांति ”प्रतिकर अवकाश” दिया जाए..
4- बीएसए को ऑनलाइन उपस्थिति में शिथिलता का अधिकार दिया जाए..
6- ऑनलाइन उपस्थिति व्यवस्था को समाप्त कर अन्य विभागों की भांति उपस्थिति लें…

Teachers Protest : परिषदीय विद्यालयों में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर मंगलवार को दूसरे दिन भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा..जंहा पर शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर बच्चों को पढ़ाया हैं…वहीं पर कई बड़े नेताओं ने शिक्षको का साथ दिया हैं…जिसके बाद सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव, सपा के प्रमुख महासचिव रामगोपाल यादव, सांसद चंद्रशेखर समेत कई पक्ष-विपक्ष के नेताओं ने शिक्षकों का समर्थन किया… इन लोगों ने शिक्षकों के पक्ष में एक्स पर लिखा और सीएम को पत्र भेजा है..जंहा कई जिलों में बैठक कर संयुक्त शिक्षक मोर्चा भी बनाया गया…ताकि सभी संगठन एक मंच पर आकर सामूहिक विरोध कर सकें। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने एक्स पर लिखा- कि शिक्षकों पर विश्वास करने से ही अच्छी पीढ़ी जन्म लेती है। कोई शिक्षक देर से स्कूल नहीं पहुंचना चाहता है, लेकिन कहीं सार्वजनिक परिवहन, रेल का बंद फाटक और कहीं घर से स्कूल के बीच की दूरी काफी होने से देरी होती है…क्योंकि स्कूल के समीप शिक्षकों के रहने के लिए न तो सरकारी आवास होते हैं, न दूरस्थ इलाकों में किराए पर घर उपलब्ध होते हैं…इसीलिए डिजिटल अटेंडेंस का विकल्प बिना व्यावहारिक समस्याओं के समाधान के संभव नहीं है…पहले यह अन्य सभी विभागों के प्रशासनिक मुख्यालयों में लागू किया जाए…इससे उच्च अधिकारियों को व्यावहारिक पक्ष और परेशानियों का अनुभव होगा। फिर समस्या-समाधान के बाद ही इसे लागू करने के बारे में सोचा जाए… वहीं, रामगोपाल यादव ने लिखा- कि सीएम से अनुरोध है कि ऑनलाइन अटेंडेंस के आदेश को वापस लेकर शिक्षकों की समस्या का समाधान करें… नगीना से सांसद चंद्रशेखर ने सीएम को पत्र भेजकर ऑनलाइन उपस्थिति का आदेश निरस्त करने की मांग की हैं… सपा सांसद आनंद भदौरिया, एमएलसी आशुतोष सिन्हा, भाजपा एमएलसी डॉ. देवेंद्र प्रताप सिंह और डॉ. बाबूलाल तिवारी, अवधेश कुमार सिंह ने भी इस मामले में सीएम को पत्र लिखा है….वहीं कई जिलों के शिक्षकों ने विरोध मार्च निकाला…जंहा यह भी बताया गया हैं,कि कुछ जिलों में स्कूलों में पानी भरने से दिक्कतें आ रही हैं….महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह ने कहा- कि विभागीय अधिकारी वातानुकूलित कक्ष में बैठकर बिना जमीनी हकीकत बिना ही इस प्रकार के अव्यवहारिक आदेश करते रहते हैं…ताकि आने वाली व्यवहारिक कठिनाइयों को दूर किए बिना उसको लागू करा पाना संभव ही नहीं है।

Teachers Protest : डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षकों में काफी आक्रोश नजर आ रहा हैं… वहीं पर अगर हम पहले दिन की बात करें,तो पहले दिन मात्र 16 हजार शिक्षकों ने अटेंडेंस लगाई हैं… बेसिक शिक्षा विभाग के अनुसार प्रदेश के लगभग1 लाख से भी अधिक विद्यालयों में तैनात 6.9 लाख शिक्षकों में से पहले दिन 16015 शिक्षक ने डिजिटल अटेंडेंस लगाई है। हालांकि यह मात्र दो फीसदी है। इसके अनुसार बाराबंकी, गोंडा, गोरखपुर, महराजगंज, पीलीभीत समेत एक दर्जन से अधिक जिलों में यह जीरो फीसदी तो दो दर्जन से ज्यादा जिलों में मात्र एक फीसदी रही है। विभाग के अनुसार डिजिटल पंजिकाओं से शिक्षकों को सुविधा और समय की बचत होगी। मैनुअल रिकॉर्ड रखने की जरूरत नहीं होगी। पंजिकाओं के खोने और खराब होने की स्थिति नहीं होगी और डेटा सुरक्षित रहेगा…जंहा शिक्षक 8.30 बजे तक अपनी उपस्थिति दर्ज करा सकते हैं…


Teachers Protest : जिसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र सिंह राठौर ने कहा- कि शिक्षकों ने कहीं भी ऑनलाइन अटेंडेंस नहीं लगाई है। जब तक शिक्षकों की समस्याओं का समाधान नहीं होता, इसका विरोध जारी रहेगा। वहीं शिक्षकों ने काली पट्टी बांधकर काम किया है और आगे भी लगातार विरोध जारी रखेंगे। विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन की ओर से विभिन्न जिलों में स्कूलों में विरोध प्रदर्शन कर और काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया गया।वहीं प्रदेश अध्यक्ष संतोष तिवारी ने कहा- कि सभी शिक्षक इस अव्यवहारिक निर्णय के विरोध में हैं। 14 जुलाई तक लगातार विरोध करेंगे… इसके बाद 15 जुलाई को हर जिला मुख्यालय पर प्रदर्शन कर डीएम के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजेंगे…वहीं इस वरिष्ठ उपाध्यक्ष शालिनी मिश्रा ने कहा- कि 15 जुलाई के बाद आगे के आंदोलन का निर्णय लिया जाएगा…

Teachers Protest : उत्तर प्रदेश बीटीसी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अनिल यादव ने कहा- कि प्रदेश के सभी विद्यालयों के बच्चों को अभी तक सभी विषयों की किताब नहीं मिली। उच्च प्राथमिक विद्यालयों में स्टाफ भी नहीं है… विद्यालय में हमेशा अच्छा नेटवर्क नहीं आता। कई जिलों मे स्कूल पानी से भरे हुए हैं। शासन व बेसिक शिक्षा विभाग विचार करते हुए शिक्षकों को आनलाइन उपस्थिति से मुक्त रखें। वहीं अटेवा के प्रदेश अध्यक्ष विजय कुमार बन्धु ने भी ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध करते हुए शिक्षकों का समर्थन किया। उन्होंने कहा कि अटेवा ऑनलाइन अटेंडेंस का विरोध करता है। कहीं स्कूल जाने के लिए रास्ता नहीं है तो कहीं जलभराव है। कई जगह इंटरनेट की सुविधा नहीं है, ऐसे हालात में ऑनलाइन हाजिरी कैसे हो सकती है…इन सारी बातों से यह साफ हो जाता हैंकि सरकारी स्कूलों की हलात क्या हैं जंहा एक नहीं बल्कि तमाम तरीके की दिक्कते हैं कहीं जलभराव की समस्या हैं,तो कहीं शिक्षक ही नहीं हैं और तो और स्कूलों में बच्चों के पढ़ाई से लोकर उनके खाने-पीने की कोई भी समुचित व्यवस्था नहीं हैं.जो कहीं ना कही सरकार की पोल खोलता नजर आ रहा हैं…खैर अगर हम बात करें सामान्य शिक्षकों की,तो सामान्य शिक्षकों की के साथ ही शिक्षामित्रों ने भी ऑनलाइन हाजिरी का विरोध किया। उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षा मित्र संघ के प्रदेश अध्यक्ष शिवकुमार शुक्ला ने कहा कि जब तक समस्याओं का समाधान नहीं होगा, तब तक ऑनलाइन हाजिरी में हम लोग शामिल नहीं होंगे। शिक्षामित्रों को सामान्य कार्य समान वेतन, मूल विद्यालय वापसी, महिलाओं का अंतर्जनपदीय स्थानांतरण, स्वास्थ्य लाभ आदि शामिल है…


    

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